हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का क्या महत्व है? | पीपल के पेड़ की पूजा कब और क्यों नहीं करनी चाहिए?

पीपल हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं की पीपल पर भूत प्रेत होग वास होता है, कुछ लोग कहते हैं कि पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है आइए जानते हैं पीपल वृक्ष के बारे में कुछ रोचक जानकारियां. हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का क्या महत्व है? पीपल के पेड़ की पूजा कब और क्यों नहीं करनी चाहिए?

पीपल के पेड़ का महत्व

पीपल के पेड़ का क्या महत्व है? 

हिंदू मान्यता के अनुसार पीपल वृक्ष को बहुत ही शुभ और पूजनीय माना जाता है शास्त्रों के अनुसार पीपल वृक्ष के अंदर भगवान विष्णु का हु वास होता है, और महाभारत काल के समय भगवान कृष्ण जब अर्जुन को गीता का उपदेश दे रहे थे तब उन्होंने भी पीपल में अपना ही रूप बताया था वो कहते हैं कि वृक्षों में मैं पीपल हूं

पीपल के वृक्ष पूजा कब नहीं करनी चाहिए? 

हमें कभी भी सूरज उदय होने से पहले पीपल के वृक्ष की पूजा नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे गरीबी और दरिद्रता को जन्मदिन का है आपको पीपल की पूजा सूरज निकलने के बाद ही करनी चाहिए और विशेषकर शनिवार के दिन आप पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर जल चढ़ाएं तो इससे आपको विशेष फायदा मिलता है.

पीपल के पेड़ की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?

आयुर्वेद के अनुसार पीपल का पेड़ पित्त का नाश करने वाला माना जाता है आप इसके पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लीजिए और उसे सुबह-शाम खाली पेट सेवन कीजिए तो आप देखेंगे कि आपकी पेट की समस्या और पित्त की बीमारी में बहुत आराम मिलेगा इसके साथ आप इसकी दातुन भी कर सकते हैं पीतल की दातुन करने से आपके दांत स्वस्थ होते हैं और आपके मसूड़ों में ताकत आती है.

क्या पीपल का पेड़ शुभ है? 

अगर हम बात करें इसके शुभ और अशुभ परिणाम की तो आपको बता दें कि मान्यताओं के अनुसार पीपल का वृक्ष बहुत ही शुभ होता है लेकिन आप से घर में नहीं लगा सकते पीपल के वृक्ष को हमेशा मंदिर में या फिर घर से दूर ही लगाया जाता है और इसकी पूजा उपासना करने से आपको धन प्रसिद्धि और स्वास्थ्य का लाभ मिलता है.

पीपल के पेड़ में दिया कब जलाना चाहिए? 

वैसे तो मैं इस बात को पहले ही बता चुका हूं कि आपको शनिवार के दिन शाम को पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाना चाहिए लेकिन आप एक और प्रयोग कर सकते हैं अगर आप लगातार 41 दिनों तक पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते हैं तो आपकी जो भी मनोकामना है वह पूरी होती है और आपको पीपल महाराज अपना आशीर्वाद देते हैं, अमावस्या के दिन यदि आप रात्रि में पीपल के नीचे दीपक जलाते हैं तो इससे आपके मित्र प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देते हैं.

पीपल की लकड़ी क्यों नहीं जलाई जाती है?

शास्त्रों के अनुसार और विशेषकर भारत में पीपल की लकड़ी को जलाया नहीं जाता क्योंकि यह बात वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध हो चुकी है कि पीपल का वृक्ष 24 घंटे हमें ऑक्सीजन देता है और अगर हम पीपल के वृक्ष को चलाने के लिए प्रयोग करते रहेंगे तो वातावरण में ऑक्स शंकर लेवल कम हो जाएगा जिससे की बीमारियां बढ़ती है और प्रदूषण बढ़ता है. 


क्या हम पीपल की बोनसाई घर में रख सकते हैं?

आजकल घर में बोनसाई पौधों को रखने का बहुत प्रचलन चल चुका है लेकिन अगर हम पीपल के बोनसाई की बात करें तो आप घर में कभी भी पीपल के वृक्ष का बोनसाई बनाकर नहीं रख सकते क्योंकि शास्त्रों के अनुसार यह गलत है यह आपके घर में नकारात्मक प्रभाव पैदा करता है, पीपल को हमेशा मंदिर या फिर धार्मिक स्थलों पर वह गाना चाहिए आप किसी भी रूप में घर में पीपल नहीं रखें तो ज्यादा अच्छा है.

पीपल के पेड़ पर क्या क्या चढ़ाना चाहिए?

बहुत सारे लोग इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि पीपल के वृक्ष पर वह क्या चढ़ाएं तो हम आपको बता देते हैं कि पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना सबसे अच्छा माना जाता है वह इस वजह से क्योंकि पीपल वृक्ष के अंदर लक्ष्मी माता का वास होता है आप बृहस्पतिवार और शनिवार को पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ा सकते हैं आप रविवार को पीपल के वृक्ष पर जल ना चढ़ाएं क्योंकि शास्त्रों के अनुसार भी है गलत माना जाता है.

पीपल का पेड़ कौन सी दिशा में लगाना चाहिए?

अगर वास्तु के अनुसार देखा जाए तो पीपल के वृक्ष को हमेशा पश्चिम दिशा की तरफ ही लगाना चाहिए क्योंकि पश्चिम दिशा शनि देव महाराज की दशा भी मानी गई है आप पीपल के वृक्ष पर जब्ती मंदिर या फिर किसी धार्मिक स्थल पर लगाएं तो हमेशा यह ध्यान रखें कि से पश्चिम दिशा में लगाना बेहद शुभ होता है.

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