तुलसी में कौन कौन से औषधीय गुण है? | तुलसी की पूजा कब नहीं करना चाहिए?

तुलसी एक ऐसा पौधा है जैसे हम सभी को अपने घर के आंगन में जरूर लगाना चाहिए क्योंकि जिस घर में तुलसी का निवास होता है वहां पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का भी वास होता है माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है जिससे कि घर में बरकत होती है और संपत आती है, इसके साथ-साथ इसके अंदर बहुत सारे औषधीय गुण भी होते हैं आइए जानते हैं इन सभी के बारे में.

तुलसी की विशेषताएं

तुलसी में कौन कौन से औषधीय गुण है? 

वैसे तो तुलसी सभी रोगों में कारगर है, मगर हम तुलसी के पत्तों का विशेषकर उपयोग सर्दी खांसी बुखार होने पर ज्यादा करते हैं सर्दी खांसी बुखार होने पर आप 20 से 25 तुलसी के पत्ते लेकर उनका काढ़ा बना लीजिए साथ में इसके अंदर पांच कालीमिर्च और शॉट डाल दीजिए ,उसके बाद इसे गिलास में करके थोड़ा सा शहद डालकर पी लीजिए और थोड़ी देर के लिए चादर ओढ़ कर लेट जाइए आपको 15 मिनट बाद पसीना आना शुरू हो जाएगा और आपके सर्दी खांसी जुकाम में काफी फायदा होगा.

तुलसी की पूजा कब नहीं करना चाहिए?

आपको कभी भी एकादशी के दिन और रविवार को तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए और तुलसी में केवल सुबह के समय ही जल अर्पित करना चाहिए कभी भी सूरज छिपने के बाद तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए और साथ में सूर्या अस्त होने के बाद तुलसी के पत्तों को तोड़ना भी गलत बताया गया है आपको जब भी तुलसी के पत्ते तोड़ने हो तो सूर्यास्त होने से पहले पहले तोड़ लीजिए क्योंकि अगर आप सूर्यास्त होने के बाद तुलसी के पत्ते तोड़ते हैं तो ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से धन की देवी माता लक्ष्मी आप से नाराज हो सकती हैं, और जिसके कारण आपको आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है.

घर में कौन सी तुलसी लगाना चाहिए?

वैसे तो तुलसियों की प्रजाति की बात करें तो यह कई प्रकार की होती है ,मगर इनमें से मुख्य पांच प्रकार की तुलसियों को लोग अपने घर में लगाते हैं और इन पांच प्रकार की तुलसियों में इसे भी दो प्रकार की तुलसी प्रमुख होती हैं रामा तुलसी और श्यामा तुलसी रामा तुलसी बिल्कुल हरे रंग की होती है जिसके पत्ते बिल्कुल हरे होते हैं और श्याम तुलसी थोड़ी गहरे रंग की लालपन लिए हुए या फिर चॉकलेटी कलर के पत्ते के साथ पाई जाती हैं, आप राम तुलसी और श्याम तुलसी इन दोनों को भी अपने घर के आंगन में लगा सकते हैं.

तुलसी की विशेषताएं क्या है?

तुलसी के पत्तों के अंदर औषधीय गुण तो होते ही हैं ,मगर देश भर के अंदर तुलसी को लगाया जाता है वहां आक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है क्योंकि इसके अंदर एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं ,जिसकी वजह से आपके घर में जहां जहां तक तुलसी की खुशबू और हवा जाती है वहां तक कई तरीके के बैक्टीरिया को मारने का कार्य तुलसी का पौधा करता है और साथ में यह आपके घर से नकारात्मक योजनाओं को कम करके सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.

तुलसी के पौधे की उम्र कितनी होती है?

अगर हम तुलसी के पौधे की उम्र की बात करें तो तुलसी के पौधे की उम्र लगभग 3 वर्ष होती है अगर हम इसका सही रखरखाव करते हैं तो यह 4 वर्ष तक भी सही रहता है ,मगर उसके बाद तुलसी के पत्ते झड़ने लगते हैं और जब यह सूख जाए तो आपको इसकी जगह पर कोई दूसरा तुलसी का पौधा लगा देना चाहिए और उसकी सेवा करनी चाहिए.

एक बात और ध्यान देने की है की सर्दियों में अधिकतर तुलसी के पत्ते झड़ जाते हैं और देखरेख ना करने पर तुलसी सूख जाती है तो, जब भी सर्दियों की शुरुआत हो जाए आपको तुलसी के पौधे को चारों तरफ से किसी साफ कपड़े की मदद से इसे ढक देना चाहिए ताकि सर्दियों में पढ़ने वाली और और ठंडी हवाओं के कारण तुलसी का पौधा नष्ट ना होने पाए सर्दियों में जब तुलसी पर मंजरी आती है, तो आप इन बीजों को संभाल कर रख सकते हैं और जब बारिशों का मौसम आए तो आप इन बीजों को किसी साफ गमले में या फिर किसी साफ क्यारी में डाल दीजिए थोड़े दिनों में ही आपको तुलसी के बहुत सारे छोटे छोटे पौधे मिल जाएंगे आप फिर से इन पौधों को अपने गमलों में लगा सकते हैं ,और बहुत सारी तुलसी प्राप्त कर सकते हैं आप इन्हें अपने आस-पड़ोस में भी बांट सकते हैं और इसके औषधीय गुणों का लाभ उठा सकते हैं।

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