108 Names of Lord Surya PDF (सूर्य भगवान के 108 नाम) List

108 Names of Lord Surya PDF (सूर्य भगवान के 108 नाम) सूर्य सबसे महत्वपूर्ण ग्रह होने के साथ-साथ एक देवता भी है। सूर्य की उपासना करने से प्राण-शक्ति (जीवन-शक्ति) बढ़ती है, यह किरणें कई रोगों को नष्ट करती हैं और यह कभी न खत्म होने वाली ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। एक स्तोत्र है, जिसे सूर्य-कवच कहा जाता है, उसकी रक्षा के लिए जप किया जाता है, एक देवता के रूप में उसकी सुरक्षा बहुत मजबूत है - महाभारत में कर्ण के मामले को याद करें, वह सूर्य-कवच के कारण अजेय था। यह सूर्य-कवच वैसा नहीं था जैसा कि फिल्मों में दिखाया जाता है, यह एक मांत्रिक सुरक्षा थी जो कर्ण के पास थी और इंद्र के अनुरोध पर उन्होंने युद्ध में इसका इस्तेमाल नहीं करने का वादा किया था।

108 Names Of Lord Surya

Surya Bhagwan ke 108 Naam List PDF - सूर्य भगवान के १०८ नाम

ॐ अरुणाय नमः।

ॐ शरण्याय नमः।

ॐ करुणारससिन्धवे नमः।

ॐ असमानबलाय नमः।

ॐ आर्तरक्षकाय नमः।

ॐ आदित्याय नमः।

ॐ आदिभूताय नमः।

ॐ अखिलागमवेदिने नमः।

ॐ अच्युताय नमः।

ॐ अखिलज्ञाय नमः

ॐ अनन्ताय नमः।

ॐ इनाय नमः।

ॐ विश्वरूपाय नमः।

ॐ इज्याय नमः।

ॐ इन्द्राय नमः।

ॐ भानवे नमः।

ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः

ॐ वन्दनीयाय नमः।

ॐ ईशाय नमः।

ॐ सुप्रसन्नाय नमः।

ॐ सुशीलाय नमः।

ॐ सुवर्चसे नमः।

ॐ वसुप्रदाय नमः।

ॐ वसवे नमः।

ॐ वासुदेवाय नमः।

ॐ उज्ज्वल नमः।

ॐ उग्ररूपाय नमः।

ॐ ऊर्ध्वगाय नमः।

ॐ विवस्वते नमः।

ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः।

ॐ हृषीकेशाय नमः।

ॐ ऊर्जस्वलाय नमः

ॐ वीराय नमः।

ॐ निर्जराय नमः।

ॐ जयाय नमः।

ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः।

ॐ ऋषिवन्द्याय नमः।

ॐ रुग्घन्त्रे नमः।

ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः।

ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः।

ॐ नित्यस्तुत्याय नमः।

ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः।

ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः।

ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः।

ॐ पुष्कराक्षाय नमः।

ॐ लुप्तदन्ताय नमः।

ॐ शान्ताय नमः।

ॐ कान्तिदाय नमः।

ॐ घनाय नमः।

ॐ कनत्कनकभूषाय नमः।

ॐ खद्योताय नमः।

ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः।

ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः।

ॐ अपवर्गप्रदाय नमः।

ॐ आर्तशरण्याय नमः।

ॐ एकाकिने नमः।

ॐ भगवते नमः।

ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः।

ॐ गुणात्मने नमः।

ॐ घृणिभृते नमः।

ॐ बृहते नमः।

ॐ ब्रह्मणे नमः।

ॐ ऐश्वर्यदाय नमः।

ॐ शर्वाय नमः।

ॐ हरिदश्वाय नमः।

ॐ शौरये नमः।

ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः।

ॐ भक्तवश्याय नमः।

ॐ ओजस्कराय नमः।

ॐ जयिने नमः।

ॐ जगदानन्दहेतवे नमः।

ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः।

ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः।

ॐ असुरारये नमः।

ॐ कमनीयकराय नमः।

ॐ अब्जवल्लभाय नमः।

ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः।

ॐ अचिन्त्याय नमः।

ॐ आत्मरूपिणे नमः।

ॐ अच्युताय नमः।

ॐ अमरेशाय नमः।

ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः।

ॐ अहस्कराय नमः।

ॐ रवये नमः।

ॐ हरये नमः।

ॐ परमात्मने नमः।

ॐ तरुणाय नमः।

ॐ वरेण्याय नमः।

ॐ ग्रहाणांपतये नमः।

ॐ भास्कराय नमः।

ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः।

ॐ सौख्यप्रदाय नमः।

ॐ सकलजगतांपतये नमः।

ॐ सूर्याय नमः।

ॐ कवये नमः।

ॐ नारायणाय नमः।

ॐ परेशाय नमः।

ॐ तेजोरूपाय नमः।

ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।

ॐ सम्पत्कराय नमः।

ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः।

ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः।

ॐ श्रीमते नमः।

ॐ श्रेयसे नमः

ॐ सौख्यदायिने नमः।

ॐ दीप्तमूर्तये नमः।

ॐ निखिलागमवेद्याय नमः।

ॐ नित्यानन्दाय नमः।

हम लोकप्रिय देवताओं का ध्यान रखते हैं, लेकिन एक देवता के रूप में सूर्य दूसरों से कम नहीं है - हालांकि सूर्य पर संस्कृत साहित्य कम है (जैसा कि मुझे पता है) लेकिन जो कुछ भी है, जैसे सूर्य कवच (surya kavach) और आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra) मुझे लगता है बहुत है प्रबल।


Frequently Asked Questions (FAQs)


प्रश्न १: सूर्य भगवान के 108 नाम क्या हैं? 

उत्तर: सूर्य भगवान के १०८ नाम हैं आदित्याय, सवित्रे, भास्कराय, विवस्वते, रवये, अर्काय, दिवाकराय, भानवे, सर्वलोकेशय, लोकचुदाय, पिंगाक्षाय, हिरण्यगर्भाय, मार्ताण्डाय, त्रिलोकात्मने, जगदाधाराय, प्राणाय, प्रभाकराय, विश्वकर्मने, सहस्रांशविखाय, उत्थानाय, भास्वते, तेजसे, तेजस्विने, अर्चिताय, सहस्रांशुविक्रमाय, दिवाकराय, सर्वभास्कराय, महातेजसे, रविंद्राय, तेजोभास्कराय, व्योमव्यापिने, चारुचन्द्राय, विभावसवे, सप्ताश्वाय, तपस्विने, ग्रहेश्वराय, रवये, भास्वते, भास्कराय, वायुवेगाय, वायुपुत्राय, साम्राज्यवरदाय, श्रीकान्ताय, सर्वलोकनमस्कृताय, लोकनाथाय, विश्वरूपाय, त्रिविक्रमाय, रवये, दिवाकराय, सर्वभास्कराय, अतपाय, विश्वाधिपाय, श्रीमते, सर्वजगतां पतये, श्रीमान्, सर्वलोकाधाराय, दिव्यवाहनाय, लोकाधाराय, लोकसक्षमाय, सुर्याय, सर्वदेवाधिदैवताय, रवये, विभावसवे, वायुवेगाय, विश्वरूपाय, सहस्रांशुसङ्काशाय, विश्वरूपाय, विश्वाधिदेवाय, सर्वभास्कराय, सर्वदेवाधिदैवताय, सर्वदेवात्मने, सुर्याय, रवये, दिवाकराय, सर्वभास्कराय, त्रिलोकेशय, त्रिविक्रमाय, अतपाय, लोकाधाराय, सुर्याय, सर्वलोकेशय, लोकवन्दिताय, भास्कराय, सहस्रांशुविखाय, भास्वते। 


प्रश्न २: सूर्य भगवान के 108 नाम किस अवसर पर उच्चारणीय होते हैं? 

उत्तर: सूर्य भगवान के 108 नाम का उच्चारण विशेष रूप से सूर्य जयंती, चैत्र नवरात्रि या नवरात्र दौरान भक्तों द्वारा किया जाता है। इस अवसर पर भक्तगण इन नामों का जाप कर भगवान सूर्य की कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 


प्रश्न ३: सूर्य भगवान के 108 नाम के महत्व के बारे में बताएं। 

उत्तर: सूर्य भगवान के 108 नाम भगवान सूर्य की महिमा, शक्ति, और दिव्य गुणों को प्रकट करते हैं। इन नामों के जाप से भक्तों को उच्च शक्ति प्राप्त होती है और उन्हें सौभाग्य, स्वास्थ्य, धन, शक्ति, और सफलता मिलती है। सूर्य जयंती एवं नवरात्रि पर इन नामों का जाप करने से सूर्य भगवान की कृपा प्राप्त होती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 


प्रश्न ४: सूर्य भगवान के 108 नाम किस पुराण से संबंधित हैं? 

उत्तर: सूर्य भगवान के 108 नाम आदित्य पुराण से संबंधित हैं। इस पुराण में सूर्य भगवान के विभिन्न नामों का वर्णन किया गया है और इन्हें जप करने की महिमा का वर्णन भी किया गया है। 


प्रश्न ५: क्या सूर्य भगवान के नाम किसी विशेष व्रत या पूजा में उपयोगी होते हैं? 

उत्तर: हां, सूर्य भगवान के १०८ नाम सूर्य जयंती और नवरात्रि के दौरान भगवान सूर्य की पूजा विधि में उपयोगी होते हैं। भक्तगण इन नामों का जाप कर सूर्य भगवान को समर्पित होते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्राप्त होता है। इन नामों का जाप करने से भक्त को सौभाग्य, स्वास्थ्य, धन, शक्ति, और सफलता मिलती है। 


प्रश्न ६: सूर्य भगवान के 108 नाम किसी मंत्र का हिस्सा हैं या एकल रूप से जाप किए जाते हैं? 

उत्तर: सूर्य भगवान के 108 नाम एक विशेष मंत्र का हिस्सा होते हैं और भक्त इन्हें मंत्र के रूप में जाप करते हैं। इन नामों का जाप सूर्य भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए उपयुक्त होता है। 

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